Saturday, September 26, 2015

पिया मिलन

नैन ताके राह किस गुजरिया की 
छोड़ मँझधार हुई मैं पिया की 
नहीं मोहे अब बैर किसी से 
नाहीं चाहूँ मैं देवोँ की डगरिया 

पिया संग है मोहे अब जीना 
पिया के लिए धड़के अब मोरा जियरा 
रूठे देव तो रुठने दो उनको 
मनाऊँगी उनको पिया माना है जिनको 

कहे अब नैन ताके राह तिहारी 
काहे मन हुआ जाए है व्याकुल 
आज मिलन है पिया संग मोरा 
क्या इसी कारण ओढ़ाया है कोरा??

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