Wednesday, January 22, 2014

ॐ हरि हर हर नमः शिवाय

ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
तज संसार बने तपस्वी
चढ़ कैलाश बने सन्यासी
धरी मृगछाल धरी शरीर पर भस्मी
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
कर विषपान देवजन तारे
धर नाग जो कंठ पर आवे
जग में आज नीलकंठ कहावे
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
रहे जो बीहड़ में, जिसके पिशाच सखा रे
क्रोधित हो जो सखन संहारे
भृकुटी तान जो त्रिनेत्र कहावे
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
कृपा रूप में तुम भोले कहावे
रोद्र रूप में रूद्र कहावे
कर कृपा तुम भक्त काज सवारे
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
जब रूप तुम वानर को धारे
राम रूप विष्णु के काज सवारे
संजीवनी ला लक्ष्मण के प्राण बचावे
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
संसार में हो तुम शक्तिशाली दाता
शरण तिहारी जो कोई  आता
कृपा तिहारी पा धन्य वो हो जाता
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय
ॐ हरि हर हर नमः शिवाय


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