Wednesday, August 28, 2013

चेहरा तेरा

देखूं जब भी चेहरा तेरा
दिखे मुझे प्यार तेरा
हो चाहे फिर सांझ सवेरा
दिखे मुझे सिर्फ प्यार तेरा

लट यूँ उलझी लटके सर पर
जैसे हो मेरे राग की दुल्हन
आँखों से छलके बूर तेरा
देख पढूं में इश्क का कलमा

देखूं जब भी चेहरा तेरा
ना रहे मुझे होंश जरा
फिर हो चाहे सांझ सवेरा
देख तुझे मैं बनू बावरा

ग़मों से नाता

गम से मेरा नाता बहुत पुराना है
कि ग़मों ने मेरा साथ कभी छोड़ा नहीं
कि गम के सहारे मैं जीता आया हूँ
कि शराब के प्याले में भी गम पीता आया हूँ
नहीं मुझे कोई गिला ग़मों की दुनिया से
कि है ग़मों से मेरा रिश्ता आदम के जमाने से||

निर्णय

जीवन की डगर पर
हमराह तो बहुत मिले
जीवन की इस डगर पर
अंत तक का साथ ना मिला
मिले बहुतेरे जग में
हर किसी की थी अपनी राह
इस डगर पर साथ मेरे
ना बना कोई हमसफ़र
जीवन संध्या के पल पर
तुम मिले तो कुछ आस बंधी
कि जीवन डगर पर हमें भी
हमारा हमसफ़र मिला
सोचा था साथ तुम्हारे
जीवन अपना जी लेंगे
ना होश था की साथ तुम्हारे
जीवनकाल को खो देंगे
खो देंगे मर्म जीवन का
खो देंगे अपना सर्वस्व
जीवन संध्या के इस अर्ध में
प्राण अब ये है हमारा
साथ तुम्हें ले कर चलेंगे
कोई दुःख न होने देंगे तुम्हे
दुःख की घनघोर घटा को
हम चादर अपनी बना लेंगे
आंच ना आने देंगे तुम्हें कोई
यही हमारा निश्चय है
जीवन संध्या के इस पल में
यही हमारा निर्णय है||

दुनिया का दस्तूर

देख रहा मैं इस दुनिया का दस्तूर
बैगैरत कर हमें प्यार अपना जताते हैं
रुसवा हमारे इश्क को कर
इज़हार-ऐ-मोहब्बत करते हैं

मार कर हमारी इंसानियत को
खुदा का दर्ज़ा देते हैं
देख रहा हूँ मैं दुनिया के दस्तूर
कि बैगैरत कर इश्क जताते हैं

तोहमत मेरे प्यार पर लगाईं
बेपर्दा मुझे हर बार किया
शर्मो हया की दीवार लांघ कर
मेरी ज़िन्दगी को रुसवा किया

इश्क वो मुझसे जताते हैं
मुझे बैगैरत करने के बाद
देख रहा हूँ दुनिया का दस्तूर
किया आज मुझे मेरी ज़िन्दगी से दूर||

जीवन बंधन

बैठ मदिरालय मैं अज्ञानी मैं
कर रहा ज्ञान वर्धन
इतने ज्ञानी यहाँ मिले हैं
नहीं ज्ञान को बंधन
दो घूँट मदिरा के उतार हलक से
कर रहा मैं क्रीडा
आज जान वर्धन करना है
उठाया है मैंने ये बीड़ा
जीवन की घनघोर घटा से
जिस असमंजस में घिरा
ज्ञान अर्जन कर उस घटा से
आज करना है मुक्त जीवन बंधन

वक़्त गुजर जाएगा

वक़्त गुजार दिया
तेरे इंतज़ार में
एक फासला तय किया
तेरे इंतज़ार में
खड़े हैं आज हम
सिफार की कगार पर
कि खत्म नहीं होता 
आलम-ऐ-इंतज़ार
समां सा बंधता नज़र आता है
फिर एक स्याह रात ढलती है
दिन ये भी गुजर जाएंगे
तेरे इंतज़ार में
मंजीलें तय कर चुके
ज़िन्दगी हुई बेज़ार
इश्क हुआ रुसवा
तेरे इंतज़ार में
अब हम बा जीते हैं
कुछ यूँ सोच कर
कि दिन ये भी गुज़र जाएगा
तेरे इंतज़ार में||

My Eyes are Dry

Clouds have covered the Sky
but my eyes are Dry
I wanna cry, but my eyes are dry
Its raining out there
Its water all over
but my eyes are dry
I wanna cry, but why I don't cry
Rain's splashing the ground hard
Clouds are opening their spell
but my eyes are dry
Tears are not getting their way
Heart feels the deepest pain
Blood rushes through the vein
but my eyes are dry
I wanna cry, but I don't cry
Why don't I cry, Why my eyes are dry
It's raining out there
and I wanna cry
but my eyes are dry, I don't cry
Why don't I cry, Why my eyes are dry
Please god make me cry
I wanna cry, but my eyes are dry
Please god make me cry

जीवन हाला


आज पीकर भी इतनी जीवन हाला
बूँद नहीं छूटी ना टूटी अश्रुमाला
उठा आज मैं पी गया विष का प्याला
फिर भी अटूट है है जीवन माला
प्रताड़ना से भी नहीं रहा अछूता
अज्ञानी से बन गया मैं ज्ञान का दाता
फिर भी अटूट है मेरी ये अश्रुमाला
जीवन हाला से भरा है आज मेरा प्याला
पीकर भी उसे अटूट है जीवन की माला
ना बूँद छूटी ना ही टूटी अश्रुमाला

Wednesday, August 21, 2013

गुजारिश - २

ज़िन्दगी जो दी है हाथो में तेरे
थाम डोर इसकी बना इसको खुशनुमा
कि दर्द हमनें बहुत सहे अब तक
अब तेरे साथ ज़िन्दगी जीने की चाह है

दर्द-ऐ-दिल है की हर वक़्त तड़पाता है
एक तेरा साथ है जो दिल को सहलाता है
थाम डोर ज़िंदगी की हाथों में अपने
माहौल एक खुशनुमा बना जीने को