Wednesday, June 12, 2013

ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी

ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी ना जा
हो के यूँ रुसवा हमसे ना जा
साथ हमारा छोड़ के ना जा
कि तेरे बिन क्या है ये जहाँ
साथ मेरा छोड़ के ना जा

बेरूख है ये ज़माना ना जा
बेदर्द है ये समां ना जा
सुख से गए हैं अश्क मेरे ना जा
कि बिन तेरे लम्हात कैसे बीतेंगे
साथ मेरा छोड़ के ना जा

बिन तेरे तडपे हम हर पल
बिन तेरे तरसे हम हर पल
ना जा तू यूँ मुख मोड़ के
ना जा यूँ दिल तोड़ के
ना जा यूँ बेसहारा छोड़ के||

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