Monday, June 11, 2012

दिल की आवाज़

दिल ये मेरा आज कह रहा है
तुमसे मिलने की दुआ कर रहा है 
ना जाने ये इतना बेचैन क्यों है 
तुम्हारे पास होकर भी इतना दूर क्यों है

धडकन आज मेरी जो कह रही
प्यार में तुम्हारे ये भी तड़प रही
नाम ये तेरा ही ले रही
फिर भी ना जाने क्यों ये थम रही

दिल मेरा ये दुआ कर रहा है
तुमसे मिलने को आज फिर तड़प रहा है
क्यों तुम इतनी दूर खड़ी हो
क्यों तुम इसे इतना तडपा रही हो

गुजारिश कैसे करें हम तुमसे
पास आ बाँहों में थाम लो हमें
धडकनों में तो तुम बसी हो 
हाथ थाम ज़िंदगी संग बसर कर लो

दुआ है तुमसे, इल्तजा आज करते हैं
दिल में बसकर धडकनों को ना तड़पाओ
दिल मेरा ये आज कह रहा है
बाहों में ले मेरा जहाँ बसर कर दो||

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