Tuesday, March 27, 2012

अधूरे छंद


कैसा ये मायाजाल है, है कैसा ये बंधन
या है ये तेरे प्रेमजाल का ही सम्मोहन
है ये कोई दिवास्वप्न या मेरा ही भरम
तेरे आगे क्यों छोटा लगता है हर करम||
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निद्रागोश में स्वप्न में तू दिखती है
हर समय कानो में तेरी वाणी बसती है
ना चाह भी तेरे प्रेमजाल में बिंध जाता हूँ
तेरे नैनो के प्रेम सागर में खो जाता हूँ||
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Sunday, March 25, 2012

सैनिक की प्रार्थना

देश  का मैं हूँ एक नौजवान
रहता हूँ सदैव सावधान
चैन से तुम घर अपने सो सको
इसकर  देता हूँ मैं बलिदान

ना देना मुझे तुम कोई सम्मान
ना देना मेरी चिता पर कोई ज्ञान
परिजन मेरे ना पीड़ित हों कभी
बस देना तुम इतना सा ध्यान

मैं तो चला जाऊँगा एक दिन
मेरा अंत तो निश्चित है
पर मेरा परिवार हो तुम
रखना अपने धर्म का बस ध्यान

माँ मेरी जिसने मुझे जना है
पिता जिसने मुझे लहू दिया है
भई बांधव जो मेरे अपने हैं
उनकी पीड़ा मुझे असहनीय है

जाता हूँ मैं रणक्षेत्र में
इनको सुपुर्द तुम्हारे कर 
ये बस प्रार्थना है मेरी
इनको ना बलि चढ़ाना तुम||

Thursday, March 22, 2012

You Will Find me There

I feel lonely with your silence
it feels as if you don't love me
A reply from you makes my day
it's like the energy boost I need
Your absence makes me sink
it feels like am drowning
Your smile makes me lively
it's like you touch my heart
The moments I don't see you
The moments I don't hear you
The moments you cut me off
Are the moments of Death for me
How do I tell you O'sweetheart
How you matter in my life
How do I tell you O'my love
How I want you to be my Life Partner
Just that I want you to know
Wherever you would be
Whatever you would do
You will find me with you

Monday, March 19, 2012

I Wish to

When the Love and Love Collide
when there is no one to guide
when the life seems to be shattered
when the future appears to be battered
I wish to run away from my life
I wish to kill myself with a knife

When I don't find you around
when you disappear from the ground
when you tell me to just go away
when you don't want to follow my way
I wish to jump off the highest cliff
I want to end all sorrow and grief

When I lack the support of my family
when they don't like the cutest flower of lily
when they don't listen to my words and cry
when the life seems to be in oven and fry
I wish to drown in the deepest oceans
I wish to melt like the coldest glaciers

I wish to die for my heart is broken
I wish to die for my trust is stolen
I wish to die for my lost life and love
I wish to die for you not my wife and dove
I wish to die for you walking over my heart
I wish to die for you stabbing me with your dart

Sunday, March 18, 2012

No Rush for Thoughts

There is no Rush in my Life
for I live life on the point of knife
when will I lose the balance
that will end this nonchalance

Everything is just unknown
moments of future are uncertain
though I know where is the end
uncertain are life's curves and bend

You tell me to think and live
how I wish thoughts could give
if they could have given something
I would seek you as the first thing

But neither the life nor the death
are dependent on thoughtful myth
thoughts can't grow even its sprout
as life takes its own recourse & route


Thoughts are good to solve a problem
but life's mystery create own album
I wish thoughts had that power
to make gods bow and appear

सोच

जिंदगी गर सोच कर जी सकते
तो विसाल-ऐ-यार दर रोज करते
सोच में गर इतनी ताकत होती
तो इस वक्त तुम हमारे साथ होते

तकल्लुफ क्यों करे हम सोचने का
जब इन्तेज़ार है फैसले की घडी का
सोचने से गर यूँ वक्त बीतता
तो ये जहाँ में कोई यूँ बेगार ना होता

सोचने से गर विसाल-ऐ-यार होता
तो हम इस कदर तन्हा न होते
सोचने से गर यूँ खुदा मिलता
तो इस जहाँ में इबादत-ऐ-इश्क होती

अंजाम-ऐ-मुलाकात

जिद्द थी मेरी को तुझे देखूं
थी चाह असीम तुझे पाने की
हद्द ये थी मेरी चाहत की
कि ही थी जिंदगी की जुत्सजू

आलम इस कदर था जिंदगी का
कि  हर पल तेरी ही ख्वाहिश थी
रोक ना सके खुद को ऐ राहगुज़र
तेरी  बंदगी की ये बेताबी थी

क्या कहें कि तेरे दीदार से आज
ना दिल की वो खलिश मिटी
ना ही इज़हार-ऐ-ख्वाहिश हुई
हमारी  मुलाक़ात कुछ अधूरी थी

एक दूरी थी उन पलों में सिमटी
एक तन्हाई सी थी साथ तेरे
ना हम कुछ कह सके तुझसे
ना ये मुलाकात चढी अपनी मंजिल

Friday, March 16, 2012

जीवन खेला

काहे करात तू मोसे प्रतिक्षा
काहे लेत तू धैर्य परीक्षा
काहे छीने जियरा का चैना
काहे बितात है प्रेम की रैना
ना कर तू मेरे जीवन से खेला
ना बना तू इसे दुखों का मेला
हाथ पकड़ जो साथ चले मोरे
जीवन भर साथ रहूँ मैं तोरे

Tuesday, March 6, 2012

माँ / Mother

जब देखता हूँ जगत में
पाता हूँ तुझे सबसे पावन
देवों से ऊँचा पद है तेरा
देवों से महान है तेरा कर्म

तेरी गोद मैं मुझे स्वर्ग प्राप्त हुआ
तुझसे मुझे जीवन ज्ञान मिला
जननी है तू मेरी, मैं हूँ तेरा अंश
शिक्षिका तू मेरी, मैं तेरा शिष्य

तेरी शिक्षा से जो सीखा मैंने
पलभर में कैसे भुला दूं
तेरे आँचल से जो समेटा मैंने
एक क्षण में कैसे खो दूं

बिन तेरे मेरा जग अधूरा
बिन तेरे कहाँ मेरा बसेरा
तेरे वचन ही जीवन दर्पण
तेरे चरणों में ये जीवन अर्पण

When I see in this World
I see you as the greatest
You have a seat higher to God
Higher is Your Deed from the God

I find my heaven in your lap
From you I learnt lesson of life
You gave me birth & am your piece
You are my Teacher & am your disciple

Whatever I learnt from You
How can I ever forget it
Whatever I got from You
How can I ever Lose it

Without you my World is incomplete
Without you I would not get peace
Your Words are mirror of my deed
I bow to You and touch your feet

Sunday, March 4, 2012

अहज़ान-ऐ-इश्क

इश्क की इबादत में हमने दुनिया छोड़ी
इश्क  के लम्हों से हमने जिंदगी जोड़ी
फिर आज इश्क एक बोझ क्यों है
क्यों इश्क आज दर्द का दरिया है

लम्हात जो उनसे दूर गुजरेंगे
वो लम्हात मौत के साये से क्यों हैं
जिंदगी जिसपर नाम उनका लिखा था
आज फिर वो एक कोरा कागज़ क्यों है

अफ़साना बनी जो मेरी मोहब्बत
तो अफसुर्दा मेरा दिल आज क्यों है
परवान ना चडी जो मोहब्बत मेरी
तो अब्सार मेरे ग़मगीन क्यों नहीं

इबादत मेरी अमलन न हुई
अब्तर मेरा जहाँ गर हुआ
तो अब्द मैं अस्काम का क्यों न हुआ
असीर मैं गम-ओ-उल्फत का क्यों ना हुआ

Saturday, March 3, 2012

जीवन अन्धकार

उजाला चहुँ और है, चहुँ और जले हैं दीप
फिर भी जीवन अंधकारमय क्यों है
निस्वार्थ जीवन यापन के जोग में
क्यों प्रेम स्वार्थ का भय तड़पाता है

जीवन डगर पर पित्र प्रेम का पक्ष है
ह्रदय के किसी कोने में प्रेयसी की आस
क्यों इस जीवन में इतनी द्विविधा है
क्यों पूर्ण उजाले में जीवन अंधकारमय है

चंद प्रश्न चंद सवाल क्यों हैं जीवन में
क्यों  है भविष्य का इतना डर
क्यों नहीं दिखता जीवन में शान्ति का स्वरुप
क्यों नहीं उगता जीवन में भाग्य का सूरज

क्यों जीवन अंधकार में धैर्य परिक्षा लेता है
क्यों हर जीवन में बलि और त्याग देना होता है
जीवन में निष्पक्ष और निस्वार्थ रहना
क्यों  इतना अंधकारमय और इतना कठिन है